new naat lyrics in urdu
सरकार के ग़द्दार हैं ये मर क्यूँ नहीं जाते
اے شہنشاہِ مدینہ اے شہنشاہِ مدینہ الصلوٰۃ والسّلام زینتِ عرشِ مُعلّیٰ الصلوٰۃ والسّلام رب ہب لی امتی کہتے ہوئے پیدا…
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मैं तूफ़ान के दरमियां हूँ और आंधी चल रही है
देखा सफ़ा भी मरवा भी देखा, रब के करम का जल्वा भी देखा
नबी का प्यारा, हसीं दुलारा, कमाल आया ! कमाल आया !
दोस्तों का हुक़ूमत ने मुझे ऐसा कर दिया
ऐ सबा ! मुस्तफ़ा से कह देना, ग़म के मारे सलाम कहते हैं
jo hamein apne khuda ki taraf apni ibadat ke izhaar ke liye ek zariya faraham karti hain. Yahan par pesh kiye gaye paanch naatein kalaami tor par bohat khubsurat aur ilhami hain jo dil ko choo jaatey hain.
دس لاکھ میں کونسی استعمال شدہ گاڑی آپکا انتخاب ہونی چاہیے
سندھ میں گاڑیوں کی رجسٹریشن اور ٹرانسفر کیلئے بائیو میٹرک تصدیق لازمی قرار
ग़ौस-उल-आ'ज़म दस्त-गीर ! हर फ़िक्र से तुम हो कर आज़ाद चले जाओ ले कर के लबों पर तुम फ़रियाद चले जाओ मिलना है अगर तुम को वलियों के शहंशा से ख़्वाजा से इजाज़त लो, बग़दाद चले जाओ अल-मदद, पीरान-ए-पीर ! ग़ौस-उल-आ'ज़म दस्त-गीर ! अल-मदद, पीरान-ए-पीर ! ग़ौस-उल-आ'ज़म दस्त-गीर ! ग़ौर कीजे कि निगाह-ए-ग़ौस का क्या हाल है है क़ुतुब कोई, वली कोई, कोई अब्दाल है दूर है जो ग़ौस से, बद-बख़्त है, बद-हाल है जो दीवाना ग़ौस का है सब में बे-मिसाल है दीन में ख़ुश-हाल है, दुनिया में माला-माल है अल-मदद, पीरान-ए-पीर ! ग़ौस-उल-आ'ज़म द
मेरा कौन है? सिवाय तुम ही को? अए! प्यारे नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम)
याद आ गईं जब अपनी ख़ताएँ, अश्कों में ढलने लगी इल्तिजाएँ